sunil kumar banerjee 

@wingedream55
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में । वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले ।। मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं.